The Definitive Guide to Aise Kyun Lyrics in Hindi

मुनि कन्याओं सी मधुघट ले फिरतीं साकीबालाएँ,

मेरे टूटे दिल का है बस एक खिलौना मधुशाला।।७७।

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'बस अब पाया!'- कह-कह कब से दौड़ रहा इसके पीछे,

भग्न हुआ जाता दिन प्रतिदन सुभगे मेरा तन प्याला,

अथक बनू मैं पीनेवाला, खुले प्रणय की मधुशाला।।६३।

दास द्रोहियों दोनों में है जीत सुरा read more की, प्याले की,

वहाँ मुहर्रम का तम छाए, यहाँ होलिका की ज्वाला,

क्या कहता है, रह न गई अब तेरे भाजन में हाला,

देख रहा हूँ अपने आगे कब से कंचन का प्याला,

आँखिमचौली खेल रही है मुझसे मेरी मधुशाला।।९२।

और बढ़ा चल, पथिक, न तुझको दूर लगेगी मधुशाला।।८।

मंगल और अमंगल समझे मस्ती में क्या मतवाला,

कोई भी हो शेख नमाज़ी या पंडित जपता माला,

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